कौन सुनता है??
कौन सुनता है??
कितने तिनके बटोरती हो बुलबुल?
घोसले तो हौसले से बनते हैं!
कोई समझाओ टहनी उदास क्यों है?
परिंदे इतनी देर कहां ठहरते हैं!
क्यों निचोड़ देते हो दिल को नाहक?
लोग दिल की कहां दिमाग की सुनते हैं!
उलझ जाते हैं उलझनों में उतने ही,
जितनी जतन से जाल बुनते हैं!
