उजाले उनकी यादों के
उजाले उनकी यादों के
आंख के आंसू सी
ढल आयी वो यादें,
दुनियादारी
कुसमय हिंसक है,
अनिश्चित जंगलों सी,
सिर्फ यादें हैं आपकी
अब सुरक्षित घोंसलों सी,
इक दीप बनके
तुम्हें ही सोचूं कि
आज बनके
बीता कल आये।
उजाले उनकी
यादों के !
