कौन सुनता है....
कौन सुनता है....
कौन सुनता है किसी की आजकल
सब कोई अपनी सुनाने में लगा है।
हर दिल में भरे हैं गम हजारों
फिर भी हर कोई दिल दुखाने में लगा है।
प्यार के भूखे है सभी यहाँ
फिर भी हर कोई धोखा देने में लगा है।
ठनी है सब में एक होड़ सी जैसे
हर कोई दूसरों को गिराने में लगा है।
सच्चाई के चेहरे छुपाकर कहीं
हर कोई मुखौटे सजाने में लगा है।।