आज भी अकेली हूँ
आज भी अकेली हूँ
कभी जो थक जाओ तुम
दुनिया की भीड़ से
या दिल घबराने लगे
लोगों के धोखे से
तुम्हारे आस- पास के लोग
तुम्हें छोड़कर जाने लगें
निस्वार्थ प्यार पाने को
तुम्हारा जी चाहने लगे
कभी याद आ जाएँ तुम्हें
मेरे साथ बिताए कुछ लम्हे
मुझे खोजना भी मत
बस याद कर लेना
मेरा नाम पुकारना
मुझे आवाज़ दे देना
इन तंगदिल लोगों की
भीड़ भरी दुनिया में
तुम्हारे बिना मैं
आज भी अकेली हूँ