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Madhu Arora

Drama

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Madhu Arora

Drama

तुम खुदा तो नहीं

तुम खुदा तो नहीं

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थोड़ा सा विश्राम

एहसास की जमीं पर


दो पल की छाँव

तुम्हारे दामन के तले


दो फूल मुस्कुराहट

तुम्हारी बगिया के फूलों की


एक टुकड़ा रौशनी

तुम्हारी आँखों के नूर से


बस इतनी सी

मासूम चाहतें थीं मेरी


तुम दामन समेटकर

यूँ चल दिए, मुँह फेरकर


मानो नभ मंडल के

सब सितारे माँग लिए


जैसे माँगी हो पूरी धरती

और तुम्हारा आकाश भी


तुम, तुम नहीं....

खुद को खुदा समझ बैठे


तुम, तुम हो

कोई खुदा तो नहीं !


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