Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Goldi Mishra

Drama

4  

Goldi Mishra

Drama

कबूल

कबूल

1 min
283


 तेरी ज़िन्दगी में जगह मिल ना सकी,

तेरे जाने के बाद भी मैं तुझे भूला ना सकी।

तेरे लिए हम गैर एक अजनबी हों गए,

ना जाने तुम मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा कब बन गए।


एक खालीपन सा महसूस होता है,

तेरे जाने के बाद तनहाई का आलम हर पल रहता है।

तूने कोई दर्जा कोई मुकाम कभी मेरी चाहत को दिया नहीं,

हमने कोई गीत ऐसा लिखा नहीं जिसमें तेरा ज़िक्र नहीं।


तेरी नाराज़गी में भी हम प्यार ढूंढा करते थे,

मासूम थी हमारी चाहत हम तुझमें खुदा ढूंढा करते थे।

काश तूने भी इश्क मुझसे मेरी तरह किया होता,

काश तूने भी मुझसे अपनी खुशी हर दर्द को बांटा होता।


मेरी चाहत कोई जुर्म ना थी,

ना जाने किस गुनाह की सज़ा हमे दिन रात मिली थीं।

माना मेरा प्यार तुझे कबूल ना था,

हमारे रिश्ते को तूने कोई नाम ना दिया था।


हमने इस बेनाम रिश्ते को भी शिद्दत से निभाया था,

एकतरफा ही सही पर ये एहसास काफी खूबसूरत था।

तुझे तो जाना ही था,

हमनें भी इसी को अपनी किस्मत माना था।


फर्क सिर्फ नज़रिए का ही तो है,

वरना इश्क़ अधूरा भी बेहद हसीन है।

हम दर दर भटके थे,

ना जाने क्यों ये दिल तुझ पत्थर से लगा बैठे थे।


कुछ तजुर्बा कुछ लम्हे दे गए,

तुम जाते जाते कई सबक दे गए।


Rate this content
Log in