जुदाई
जुदाई
हसरत है दिल की, तू भी कभी मुझे याद करे
गर ये मुमकिन नहीं , तो तू भी मेरे दिल का मकां खाली कर
है मसरूफ तू बहुत, ये खबर तो मुझे भी है
मेरी दुआ सलाम से, अजनबियों जैसे तो न पेश आया कर
दिल में दर्द है , बयां कर न किसने रोका है
अपने अश्क़ों को छिपाकर, न जमाने के लिए मुस्कुराया कर
तुझे जाना ही है तो, यादों से भी चली जा
बस रह-रह के, वजह-बेवजह न कभी भी याद आया कर।