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Vishnu Saboo

Drama Romance Tragedy

4.5  

Vishnu Saboo

Drama Romance Tragedy

जुदाई

जुदाई

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304


हसरत है दिल की, तू भी कभी मुझे याद करे

गर ये मुमकिन नहीं , तो तू भी मेरे दिल का मकां खाली कर


है मसरूफ तू बहुत, ये खबर तो मुझे भी है

मेरी दुआ सलाम से, अजनबियों जैसे तो न पेश आया कर


दिल में दर्द है , बयां कर न किसने रोका है

अपने अश्क़ों को छिपाकर, न जमाने के लिए मुस्कुराया कर


तुझे जाना ही है तो, यादों से भी चली जा

बस रह-रह के, वजह-बेवजह न कभी भी याद आया कर।


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