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Vishnu Saboo

Drama Romance Tragedy

4.5  

Vishnu Saboo

Drama Romance Tragedy

शिकवे

शिकवे

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ये बदकिस्मती मेरी, या बदनसीब मोहोब्बत है।

वो उसे मिली, जिसे उसकी कदर न थी।।

हाँ रश्क़ है उससे, जिसे बिना मांगे तू मिल गई।

अये इश्क़ ये बता, मेरे सजदों में कहाँ कमी थी।।


हाथ तूने किसी का थामा, रुसवाइयों से बचने को।

आज मैंने किया वही तो, मैं बेवफा हो गया।।

कोई ताज्जुब नहीं, उसके इस इल्जाम पर।

ऐसा वाकया तो मेरे साथ, कई दफा हो गया।।


शिकवे तो कई है, पर शिकायत कैसे करूँ।

मैंने लबों को तेरे खिलाफ, कहने की इजाजत नहीं दी।।

तुझे लगता है , मुझे शऊर नहीं है मोहोब्बत का।

देख मैंने कभी तेरे, सितम के खिलाफ बगावत नहीं कि।।


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