कौन अपना ?
कौन अपना ?
कहाँ, कब कोई
हमेशा साथ होता है,
हमेशा कोई संग रहे
यह सपना कब साकार होता है ?
वक्त के साथ बदल जाती है
फितरत सबकी।
जब तक स्वार्थ हो,
तब तक ही साथ होता है।
सत्य के पथ पर चलते हुए,
अक्सर असत्य का दीदार होता है !
फूलों को चुनने निकलो अगर
काँटों का यकीनन साथ होता है !
गुजर जाते हैं बेइंतहा लम्हे
अक्सर खामोशियों में,
गिले शिकवों में तो
फक्त वक्त बर्बाद होता है !
अक्सर निभा जाते हैं
वो... रिश्ता दिल से
जिनसे बेवजह कुछ
वक्त का साथ होता है।।
