STORYMIRROR

Raashi Shah

Drama Inspirational

5.0  

Raashi Shah

Drama Inspirational

काश​ !

काश​ !

1 min
520


आज की भाग-दौड़ में,

मिलता नहीं है वक्त हमें,

अभिलाषी है हम बहुत कुछ के,

सब कुछ प्राप्त नहीं हो पाता है।


थक जाते हैं हम इतने,

कि पलक झपकते ही

नींद आ जाती है।


सपनों के लिए तो,

कोई वक्त ही नहीं रहता,

लेकिन 'काश​ !' के लिए है,

दो अक्षरों का यह शब्द 'काश​ !'


काश​ ! जीवन में कोई मुसीबत न हो,

काश ​! असीम धन-संपत्ति हो,

काश​ ! परीक्षा हो ही न​,

काश ​! यह सब कार्य कोई कर दे।


कभी-न​-कभी अपने जीवन में

हर कोई उपयोग करता इसका है,

चाहे हो छोटा बच्चा या कोई बड़ा सेठ

जो राजा बन बैठा है।


केवल कहने से होता है क्या ?

उस 'काश ​!' को साकार करने के लिए

परिश्रम-रूपी एकमात्र साधन का

उपयोग करना पड़ता है।


यह परिश्रम मिलता है कहाँ ?

विचारों में या हकीकत में ?

इसलिए 'काश ​!' को छोड़ विचारों में,

चले हम हकीकत की दुनिया,


जहाँ अथक परिश्रम आवश्यक है,

उसके बिना कुछ प्राप्त नहीं होता।

लेकिन विचार करना भी आवश्यक है,

क्या होना चाहिए उस विषय में नहीं;


परंतु अब क्या करना चाहिए, उस विषय में

क्योंकि किसी महानुभव ने कहा है,

जिसे सच ही कह सकते हैं-

'बीते हुए कल के बारे में सोचना व्यर्थ है,

क्योंकि वह बीत चुका है,


आने वाले कल के बारे में भी सोचना फ़िज़ूल है,

क्योंकि वह तो आया ही नहीं है,

इसलिए हकीकत पर

ध्यान केंद्रित करना चाहिए,


ताकि उसे उज्ज्वल कर सके'

यदि सब इस शब्द का उपयोग करे,

तो मै क्यों नहीं ?


मेरी भी एक इच्छा है,

काश​ ! सभी उपर्युक्त सीख का

अपने जीवन में करे उपयोग​,

सही-सही।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama