Dinesh Dubey

Romance

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Dinesh Dubey

Romance

काश! मैं

काश! मैं

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काश!! मैं तेरे हाथ की,

लकीर बन पाता,

काश!! मै तेरा मुकद्दर,

तेरी तकदीर बन पाता,।


काश! तुम्हे इतने चाह पाता ,

की तुम सब कुछ भूल जाते ,

काश! मै तेरा मुकद्दर और,

तेरी तकदीर बन पाता,।


काश! तुम्हे इतने चाह पाता ,

की तुम सब कुछ भूल जाते ,

तुम्हारी आंखों में मैं ही मैं,बस जाता ,

हर तस्वीर में मैं ही नजर आता,।


काश! मैं तुम्हारे हर ख्वाब की ,

ताबीर बन पाता,

तुम्हारे हर राहे मुश्किल की ,

तदबीर बन पाता,।



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