कान्हा सुन तो लो
कान्हा सुन तो लो
कान्हा सुन तो लो
कान्हा धुन तो लो
संकट आन पडा है
कान्हा कुछ तो करो !
कंस से कम नहीं
दंश भी कम नहीं
अब तो आ जाओ
सब सुलझा जाओ
सृष्टी बच जायेगी
फिर से रच जायेगी !
मानव का बस नहीं
दानव तो सब यहीं
गिरधर गोपाला तुम
संघर्ष के सारथी प्रभु
अब तो बन जाओ तुम
हस्ती बच जायेगी
फिर से रच जायेगी !
