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Arun Gode

Romance Tragedy

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Arun Gode

Romance Tragedy

जुदाई

जुदाई

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तू ने कहकर दिल की दिल से बात, 

हो गया हूँ मैं हैरान सुनकर तेरी बात. 

जब तक है तेरे गरम श्र्वास में सांस,

मुझे भूल नहीं पायेगीं कहीं तूने सच्ची बात.


जिंदगी हमें ये किस मोड पर ले आई,

प्यार की मंजिल तेरे-मेरे सांसो में उलझ गई,

प्यासी है अभी हमारी दिल की तनहाई,

रह जाऊंगा तनहा जब तेरी होगी जुदाई.


जब होनी ही थी अपनें दिलो की जुदाई,

कुद्रत ने क्यों दिल के धडकने मिलाई.

क्या हमरे जुदाई में हमारी भालाई,

कैसे छोडु पकडी तेरी हाथ की कलाई.


जब छोडनी ही थी हाथ की कलाई,

क्यों दिखाई थी प्यार की अंगडाई.

जब बजनी ही नहीं थी शादी की शहनाई,

फिर भी तेरी क्यों आँख भर आई.


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