जरूरी तो नहीं
जरूरी तो नहीं
चुपकी बहुत कुछ बयां करती है
बात करना जरूरी तो नहीं
आंखों से जो ये इश्क बहेता है
हरबार यू बहेना जरूरी तो नहीं
किसी की महोबत मैं इतना खोना
की खुदको भूलना जरूरी तो नहीं
चलो ना आज कुछ नया करले
वही गलती दोहराना जरूरी तो नहीं
जिसे चाहा दिलसे वो नही मिला
तो उसपर रोना जरूरी तो नहीं
कभी नजरों से भी दिल में आना
हरबार हाथ से छूना जरूरी तो नहीं।