ज्ञान की कहानी
ज्ञान की कहानी
फर्क करना सीखा ये अच्छा है,
परवरिश ही झूठी
प्रेम करना सीखा किसने किया है,
भगवान होता है ये अच्छा है।
जरूरी जरूरत की होती,
वो बच्चा नादान था सीखा ये अच्छा है,
आँखों में पानी
इसाँ झूठा है झूठ बोलना माना है,
सज़दा दिल से है ये अच्छा है।
साथ चाहिए सहारा नहीं,
सिखाया जिस्मानी है समाज ये अच्छा है,
औकात से ऊपर हो औकात,
बिक रहा इतिहास का हर लम्हा है।
चलते ही क़ब्र ही बेच देना है मेरी
ये अच्छा है...।।