जिंदगी
जिंदगी
जिंदगी अपंग थी,
सहारा देकर,
अपाहिज बना दिया।
मोहब्बत रंगीन थी,
आँखों में प्यार देकर,
अश्क की महफ़िल बना दिया।
खूबसूरती नमकीन थी,
नकाब ओढ़ा कर,
कफन बना दिया।
हसरत संगीन थी,
सिर पर छत देकर डोली को,
सजाकर जनाजा बना दिया।
