जनाजे की तारीख
जनाजे की तारीख
मेरे ज़नाजे की तारीख तय थी
और कफ़न भी खरीदे जा रहे थे !
शामिल मैं भी था इस तैयारी में
और दिन करीब आते जा रहे थे!!
बेबश मैं करता भी क्या अपनो में
बरखीसाज खुद सजाते जा रहे थे !
तुझसे कुछ शिकवा नहीं ये खुदा
सब मेरे ही हाथों होते जा रहे थे !
शिकवा तो है अपने ही उसुलों से
और उसुलों पर छुप छुप रोते जा रहे थेे !
