जज्बात लिखता हूँ
जज्बात लिखता हूँ
मैं लेके कलम ओर दवात,
जज्बात लिखता हूँ,
सुने घरो से निकले,
वो अरमान लिखता हूं,
जरूरी तो नही,
हर समझे मेरे अल्फ़ाज़ को,
समझे जो सपनो की धड़कन,
ऐसी मैं बात लिखता हूं,
मैं लेके कलम ओर दवात,
जज्बात लिखता हूँ,
बनाके उसूलो को कागज़,
हदों को साथ रखता हूँ,
हालात से सताये चेहरो पर,
मुस्कान रखता हूं,
क्या हुआ जो तूफानों ने,
उजाड़ दी कस्ती हमारी,
रब तरसे रहने को,
वो मकान रखता हूं,
मैं लेके कलम ओर दवात,
जज्बात लिखता हूँ,
खोया हैं कल मैंने,
पाने की आस रखता हूँ,
हसीन हैं रास्ता मेरा,
मंजिल जो पास रखता हूँ,
हुआ क्या जो,
न सुनी जियारत हमारी,
पूरी होगी हर दुआ हमारी,
मन मे अरदास रखता हूँ,
मैं लेके कलम ओर दवात,
जज्बात लिखता हूँ,
मैं लिखता हूं अल्फाज़ो में,
कागज़ के पैमानों में,
डूबाये ख्यालो के सागर में,
उस लहर को साथ रखता हूँ,
मैं लेके कलम ओर दवात,
जज्बात लिखता हूँ।