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S N Sharma

Romance Tragedy

4  

S N Sharma

Romance Tragedy

जिंदगी की जंग में।

जिंदगी की जंग में।

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जिंदगी की जंग में कुछ हादसे होते रहे।

करके भरोसा प्यार पर उम्र भर रोते रहे।


हम भी औरों की तरह दीप आशा के लिए

चाह खुशियों के लिए यूं ही दुखी होते रहे।


सपना आंखों में बसाए प्यार और ऐश्वर्य के।

धोखे मिले थे राह में लुटते रहे खोते रहे।


निबाहे रिश्ते थे मैंने एक इबादत की तरह।

बोझ लोगों की अपेक्षाओं का सदा ढोते रहे।


लाख कोशिश की मिटाने की लकीरें हाथ की।

पर कर्म ही मेरी मुसीबत का सबब होते रहे ।



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