जिंदगी गुमशुदा है
जिंदगी गुमशुदा है
जब से हम बड़े हो गए
अपने पैरों पे खड़े हो गए
ये जिंदगी गुमशुदा सी है.....
पैसों के अमीर हो गए
जज्बातों से गरीब हो गए
जरूरतों को पूरा करने में
तृष्णाओं के करीब हो गए
और ये जिंदगी गुमशुदा सी है......
चेहरे से बेनूर हो गए
अपनों से दूर हो गए
दोस्ती का झोला है खाली
प्यार से महरूम हो गए
और ये जिंदगी गुमशुदा सी है.....
जीतने की ज़िद में
सब समझौते मंजूर हो गए
जिंदगी की भागदौड़ में
हम कहने को तो मशहूर हो गए
मगर ये जिंदगी गुमशुदा सी है......