जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
ऐसी है मेरी ये जीवन यात्रा, हर पल मुझको बना रही हैं।
नित नए संघर्ष से पथ सजा, प्रेम से मुझे सजा रही हैं।।
क्यो करूँ शिकवे और शिकायत, ये मुझे सिखा रही हैं।
कभी रुलाकर, कभी हँसाकर, मुझे ये सिखला रही हैं।।
माना मिलते हैं शूल पथ में, शूल में ही फूल खिला करते।
शूलों के पथ में जो सीखे, विजय पथ उसके ही सजते।।
न हारी मैं कभी संघर्षो से अपने, न तुम कभी हार मानो।
संघर्षो से सीख लेकर तुम भी, राह अपनी भी सजा लो।।
जब जब प्रकृति चाहे गढ़ना, शूल पथ में वो सजाए।
जीवन यात्रा भी सुखद होती, संघर्ष से जब सीख पाए।।
