STORYMIRROR

Acharya Neeru Sharma(Pahadan)

Tragedy Inspirational

4  

Acharya Neeru Sharma(Pahadan)

Tragedy Inspirational

जीवन का आधार

जीवन का आधार

1 min
431

धरा कर रही है क्रंदन

और

बारंबार करती है पुकार

सुनो, ऐ मानव !

ना काटो तुम वृक्षों को

हैं ये

धरा का श्रृंगार,

ना हो गर ये

तो ना रहेगा पर्यावरण शुद्ध।

होंगी बस

चहुँ ओर आपदाएँ

फिर

ना रहोगे तुम, ना कोई जीव

क्योंकि

ये वृक्ष हैं हमारे जीवन का आधार।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy