झूठी बुनियाद
झूठी बुनियाद
उसके दिल में झूठी बुनियाद बनाना नहीं चाहता,
मैं अपने किरदार पर लांछन लगाना नहीं चाहता।
प्रेम मैं उससे आत्मा से करता हूं और करूंगा,
उसके बिन कभी भी मैं हंसना मुस्कुराना नहीं चाहता।
जो वादा उससे किया हूं उसे मैं पूरा करके रहूंगा,
उसके बिन मैं स्वर्ग में भी स्थान पाना नहीं चाहता।
झूठ बोलकर मैं अपने प्रेम का अपमान नहीं करूंगा,
उसे हंसाना चाहता हूं उसका दिल दुखाना नहीं चाहता।
झूठ की बुनियाद एक दिन ढह जाती है याद रखिए,
दिल में प्रेम रखता हूं नफ़रत को बसाना नहीं चाहता।
उसे ज़िंदगी कहता हूं वो मेरी आईना है आईना,
मैं अपनी आईना में फरेबी रूप दिखाना नहीं चाहता।