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जब तू याद आए

जब तू याद आए

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धनक तेरी चाहत की

छायी मेरे हसीन खुमार पे 

रुख़ ए जमाल पे 

क्या रंग छाए हया के

अबीर सुगंधित 

लाल गुलाल छाया 

जब जब तू मुझे

बेइन्तेहाँ याद आया..!


खिली पलाश कलियाँ 

अमलतास मुसकाया 

बिना वजह

धड़कन पे 

जब जब तेरा नाम आया..!


हुई चोली तंग 

उड़ी चुनरी बयार संग 

आसमान केसरिया 

शाम ले आया 

जब जब

होठों पे तेरा नाम

ठहर आया..!


ना रंग ना 

पिचकारी 

ना भाँग ना

पान कत्था कपूरी 

बिन होली के रंग गई 

जब जब तू बेशूमार

याद आया..!


हया की शौख़ी

मल गई नयन में

छवि तेरी जम गई नज़र में

जब जब तूने मुझे 

देखा चाहत से

खुद को तेरे नज़दीक

और नज़दीक पाया।



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