STORYMIRROR

Bhavna Thaker

Romance

4  

Bhavna Thaker

Romance

जब हमने प्यार को छुआ

जब हमने प्यार को छुआ

1 min
243

जब हमने प्यार को छुआ 

हर सीमा को पार करते 

प्रतीत हुए प्यार के स्पंदन

जाना प्यार शब्द के मूर्त रुप को

जब स्याही ने मेरी उंगलियों की 

रेखा को चूमकर लिखा 

तुम्हारे दिल के पन्नों पर प्यार

और 

हर कविताओं को चखकर परोसा 

मैंने अपनी चाहत को 

तुम्हारे होठों की हंसी के आगे

प्रेम ने रचा तब एक कलात्मक कोण 

जिसे देखकर ठहर गई हर रचनाएँ 

मेरे दिल के भीतर 

तुम्हारी अदाओं की दीवानी 

मेरी आत्मा की आवाज़ बन 

अब गूँजती है कायनात के हर ज़र्रे में 

जहाँ प्यार की बौछार होती है

मेरे रोम रोम में लालित्य भरते 

तुम्हारी साँसें मुझे थाम लेती है 

तब मेरी आँखों का बादामी रंग 

कविताओं की परछाई में ढल जाता है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance