जान तब तू पायेगा
जान तब तू पायेगा
दिल तेरा कब था मेरा जो आसरा मिल जाएगा
था पता सबकी तरह तू एक दिन ठुकरायेगा।
लफ़्ज़ मैं दिल की जुबां का कैसे समझोगे मुझे
उम्र गुजरेगी ज़ेहन में जान तब तू पायेगा।
ज़िन्दगी दे मशविरा तू कैसे तुझको हम जिएं
राज़ तेरे तुझसे ज्यादा कौन अब समझायेगा।
ख़्वाब देकर छीनते हैं लोग आंखों से मेरी
वक्त लेगा करवटें जब ख्याल मेरा आयेगा।
मुन्तजिर हैं अश्क भी तकते हैं राहों को तेरी
कब तलक वादों से अपने उनको तू भरमाएगा।