STORYMIRROR

Megha Rathi

Romance

3  

Megha Rathi

Romance

जान तब तू पायेगा

जान तब तू पायेगा

1 min
349

दिल तेरा कब था मेरा जो आसरा मिल जाएगा

था पता सबकी तरह तू एक दिन ठुकरायेगा।


लफ़्ज़ मैं दिल की जुबां का कैसे समझोगे मुझे

उम्र गुजरेगी ज़ेहन में जान तब तू पायेगा।


ज़िन्दगी दे मशविरा तू कैसे तुझको हम जिएं

राज़ तेरे तुझसे ज्यादा कौन अब समझायेगा।


ख़्वाब देकर छीनते हैं लोग आंखों से मेरी

वक्त लेगा करवटें जब ख्याल मेरा आयेगा।


मुन्तजिर हैं अश्क भी तकते हैं राहों को तेरी

कब तलक वादों से अपने उनको तू भरमाएगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance