STORYMIRROR

Megha Rathi

Others

4.0  

Megha Rathi

Others

कृष्णा

कृष्णा

1 min
330


तेरे नाम का इक सहारा बहुत है।

तेरे बिन जहाँ बेसहारा बहुत है।।


जिसे ढूंढता है फकीरा सा दिल ये।

वो कृष्णा सभी का दुलारा बहुत है।।


नज़र जो उठे तो सँवर जाय किस्मत।

तेरी रहमतों का इशारा बहुत है।।


कभी मेरे कूचे चले आना किसना।

निगाहों ने रस्ता बुहारा बहुत है।।


तेरे दर से खाली न जाता है कोई।

मधुसूदना जग से न्यारा बहुत है।।


तू राधा का मोहन तू धुन बांसुरी की।

फ़क़त इश्क़ पाके तू हारा बहुत है।।


मैं जग में अकेला कहूँ खुद को कैसे।

'कन्हैया तुम्हारा सहारा बहुत है'।।


बरसते हैं ' मेघा ' तड़प के जमीं पे।

मुरलिया से जब भी पुकारा बहुत है।।


Rate this content
Log in