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Mayank Kumar

Tragedy

3  

Mayank Kumar

Tragedy

जादूगरनी थी वह

जादूगरनी थी वह

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वह खेलते-हंसते ही मुझे दुनिया दिखा गई

वह थी कोई जादूगरनी जो मुझे जीना सिखा गई


मैं पहले जिंदगी के अल्हड़पन से टूट जाया करता था

लेकिन कुछ पल में ही वह मुझे खुश रहना सिखा गई


कभी बादल मेरे आसमां से बिन बरसे ही गुजर जाते थे

पर आज अपनी मौजूदगी से, उसे वह बरसना सीखा गई


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