जादू से मुक्ति
जादू से मुक्ति
एक नगरी में जादूगर आया !
उसने वहाँ जादू से कहर मचाया !!
फ़िर एक दिन उसे वहां की राजकुमारी..
पर गुस्सा आया !
उसने अपने जंतर मंतर से राजकुमारी को..
एक चील बनाया।
बेचारे राजा रानी पर पड़ गया दुःखों का साया।
वे सोचते कि काश कोई होती ऐसी युक्ति,
जिससे मिलती मासूम राजकुमारी को मुक्ति।
फिर एक दिन आया एक राजकुमार वहाँ..
उसको चुपके से मंत्री ने सब बताया कि,
कैसे राजकुमारी पर कहर है ढाया !
तब राजकुमार ने सीखी सारी तंत्र विद्या।
और फिर उसने जादूगर को जादू से हराया।
जादूगर को सबक सिखाया ..उसे घुटनों के
बल बिठाया ..
तब जादूगर ने राजकुमार से माँगी माफ़ी।
और अपने काले जादू से चील को फिर..
राजकुमारी बनाया !
अंत में राजकुमार और राजकुमारी की हुई शादी !
उस नगरी में फिर मंगल छाया !!
