इश्क़
इश्क़
हम दुनिया भुलाए बैठे हैं तेरे इश्क़ में,
सब कुछ लुटाये बैठे हैं तेरे इश्क़ में।
लोग बिछाते हैं फूल सनम की राह में,
हम दिल बिछाये बैठे हैं तेरे इश्क़ में।
किसने कहा कि रूबरू होना ज़रूरी है,
हम तो ध्यान लगाये बैठे हैं तेरे इश्क़ में।
तुम जाने कैसे सो जाते हो मुतमईन होकर,
हम अपनी नींदें उड़ाये बैठे हैं तेरे इश्क़ में।
सिर्फ तुम्हें ही पागल कहते नहीं हैं लोग,
हम भी जाना बौराये बैठे हैं तेरे इश्क़ में।
बस तुमसे एक बार मिलने की आस है,
दुआ में हाथ उठाये बैठे हैं तेरे इश्क़ में।