इश्क का इजहार
इश्क का इजहार
तुम्हारे इश्क के हम फरिश्ते है,
हम तुम बन रह सकते ही नहीं,
तुम से इजहार हम कर बैठे है,
हम तन्हाईयांँ सहे सकते नहीं।
हम तुम को कुछ कह सकते है,
हम खामोशी में रह सकते नहीं,
दिल की बात हम तुमसे करते है,
हम दिखावा करनेवालों में से नहीं।
तुम एतबार हम पर कर सकती है,
दिल में झांककर क्यूं देखती नहीं?
हम सच्चा इश्क तुमसे ही करते है,
कभी बेवफा हम बन सकते नहीं।
हम तुम पर हक जता सकते है,
हम मायूस कभी रहे सकते नहीं,
लब पर तुम्हारा ही नाम है "मुरली",
हम तुमसे कभी दूर रहे सकते नहीं।

