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Kavita Agarwal

Tragedy

4  

Kavita Agarwal

Tragedy

इरफान खान

इरफान खान

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संसार का नियम है

आना और जाना है

दे गया वह आखरी सलाम

जिंदगी की कश्ती शुरू की थी

जिसने *सलाम बॉम्बे* से


आज दे गया वह आखरी

सलाम भीगे अश्रु से

जिस तरह *लाइफ ऑफ पाई* में

लड़ता रहा जीने के लिए


उसी प्रकार हस्पताल में

लड़ता रहा कैंसर से जीने के लिए

*हिंदी मीडियम* हो या

*अंग्रेजी* *मीडियम* से

वह *मदारी* दिल ले गया

हर मीडियम से


कोरोना का *पजल* सुलझा नहीं

*हिस* करके डस गया

एक और सितारा जो रहा नहीं

*वॉरियर्स* था वो जो

बीमारी में भी मुस्कुरा रहा था

*किस्सा* हो गया वह कल का

जो बिस्तर में झुंज रहा था

जिंदगी भर संघर्ष करता रहा


*यूं होता तो क्या होता* सोचता रहा

यह साली जिंदगी कब धोखा दे जाए

*Right ya wrong* के

मतभेड़ में जान क्यों ना चली जाए

भगवान किसी को ऐसा *रोग* ना दे


बीमारी की *तलवार* बनकर

कोई किसी को खो ना दें

चले गए हो छोड़कर जहां

याद आओगे हर पल तुम यहां

भीगे अश्रु से तुम्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि !


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