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Kavita Agarwal

Romance

4  

Kavita Agarwal

Romance

इक मुलाकात अधूरी सी..

इक मुलाकात अधूरी सी..

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एक अधूरी मुलाकात।

रह गई कुछ शिकायत।।

 बारिश में भींगे उस दिन।

 याद आ गए वह गुजरे दिन।।


कहीं दफन थी मीठे लम्हे।

अब नैनों में छलके यादें।।

इक उम्मीद फिर जगी।

उन्हें निहारने भर की आस फिर जगी।।


वह बढ़ चले नहीं जिंदगी की और।

 हम रह गए किनारे की और।।

दो साहिल मिल ना पाते हैं।

 पर लहरों से हर रोज गले तो लगाते हैं।।


उनकी मोहब्बत को जो छू कर आती है।

 गले लगा कर हमें उन का एहसास तो दिलाती है।।


वह एक नारियल पानी में दो स्ट्रॉ डालना ।

सैंडल को हाथ में लिए रेत में चलना।।

 नुक्कड़ की दुकान से पेप्सी लेना।

एस टी डी बूथ से उनको कॉल करना।।


सारी यादें हो गई पुरानी।

हमारी शुरू हो गई नई कहानी।।

अनजाने राहों में।

पहचान आंखों में मिली अजनबी में।।



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