लम्हें जब कभी मिलें जाएँ सुकून के ।चुरा लूँ इन्हें और उड़ चलूँबादलों संग लम्हें जब कभी मिलें जाएँ सुकून के ।चुरा लूँ इन्हें और उड़ चलूँबादलों संग
कुछ इस कदर मैं, फिर सुधर जाता हूँ तेरे क़दमों संग मैं अपनी राह बनाता हूँ कुछ इस तरह मैं वक़्त से ज़िक्... कुछ इस कदर मैं, फिर सुधर जाता हूँ तेरे क़दमों संग मैं अपनी राह बनाता हूँ कुछ इस त...
उन में करने का मेरा कोई इरादा न था संग जीने मरने का किया कोई वादा न था बिन कुछ कहे जाने कैसे यह मंजि... उन में करने का मेरा कोई इरादा न था संग जीने मरने का किया कोई वादा न था बिन कुछ क...
एक अधूरी मुलाकात। रह गई कुछ शिकायत।। एक अधूरी मुलाकात। रह गई कुछ शिकायत।।