Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Kavita Agarwal

Romance

4  

Kavita Agarwal

Romance

एक मुलाकात

एक मुलाकात

1 min
257


आज उनसे यूं ही मुलाकात हो गई।

बारिश में भीगे भीगे मुलाकात हो गई ।

ना उन्होंने कुछ कहा ।

ना मैंने कुछ सुना।

बस एक मुलाकात हो गई।

मीठी सी मुलाकात हो गई।

आंखें नम उनकी भी थी।

आंखें नम हमारी भी थी ।

लबों में कपकपी उनकी भी थी।

लबों में कपकपी हमारे भी थी।

बारिश ने चाय पर मजबूर किया।

उनका पूछना चाय के लिए हम ने मना नहीं किया।

कई साल बाद मुलाकात हुई।

कड़क चाय की स्वाद वही खास रही।

खूंठी वाले चाचा से बड़ी वाली गोल बिस्किट मांगी।

मीठी मीठी नमकीन नमकीन बिल्कुल वही करारी वाली।

पल कों वही रोक लूं।

आंसुओं से उनको समेट लूं

ऐसा मन में ख्याल आया

तभी उनका फोन आया।

शायद पत्नी का था, पूछ रही होंगी काफी देर होगई।

उन्होंने कहा बस आया , बरसात रूक गई।

हम मुस्कुराए और चल दिए।

नैनो में अश्रु भरे हल्के बूंदों में चल दिए।

कॉलेज के पल सोचते सोचते।

सफर का पल रुकते रुकते।

दो अनजाने राहों में यूंही निकल पड़े

मोहब्बत से दूर रिश्ते निभाने चल पड़े।




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance