इंतज़ार
इंतज़ार
बिन बोले ही जब बात बनें,
आँखों में संवाद चले,
शब्द जहाँ पर हो खामोश,
मौन मुखरित हो उठे जहाँ।
बाहर अमावस रहे भले,
पर अंतस में पूरा चांद खिले,
विरह का दुख जब भारी हो,
जब इंतजार से प्रीत लगे।
मुझे उस पल,
उस क्षण में जीना है,
चहुँओर जहाँ पर प्रेम फले।