नारी
नारी
खुद से खुद तक का सफर
यकीनन आसां नहीं होता
कि कई बार मरना पड़ता है
खुद को ही ज़िंदा रखने में
ये लड़ाई है मेरी खुद से ही
ना खुद को हराना है
ना ही खुद को झुकाना
कि बस खुद की खुद से
पहचान कराना है
किसी और की नज़रों में नहीं
मुझे खुद की ही नजरों में
मेरा सम्मान चाहिए
मरने के बाद नहीं
मुझे जीते जी ही इंसाफ चाहिए...!