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Rekha Rana

Drama Inspirational

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Rekha Rana

Drama Inspirational

इन्सान-हाड़-मांस का पुतला

इन्सान-हाड़-मांस का पुतला

1 min
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पंच तत्वों से मिलकर

बना है ये इंसान

माटी का पुतला बनाया

रब ने फूंके उसमे प्राण !


बातें करता बड़ी-बड़ी,

करता खुद पे अभिमान

बस में कुछ भी नहीं

करता मैं का गान !


जब कभी मुसीबत पड़ती,

तब समझ में आये

हम तेरे हाथों की कठपुतली

कह-कह नैनन नीर बहाये


हाड-मांस की काया है

नहीं कोई औकात

एक दिन तो हो जाना है

इसने जल कर राख !


दाह-संस्कार होगा

और वो ...धू-धू कर जलेगा

अंतिम ठिकाना तो

बस शमशान बनेगा !


लाख जतन किये

पाखंड किये पर मृत्यु है अटल

विधि का विधान नहीं सका

कोई भी बदल !


मानव चोला मिला है तुझको

*रेखा*कर ले अच्छे काम,

तन रहे ना रहे पर

लोगों के दिलों में छोड़ जा अपना नाम !



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