एक अंकुरण हम करें
एक अंकुरण हम करें
धरा हरी-भरी रहे,
मानवता से सजी रहे,
शीतल बयार चलती रहे,
जिंदगी हर पल पलती रहे,
धन्यवाद इस माटी का करें,
चलो बस इतना करें
एक अंकुरण हम करें।
बीज फलेगा इक दिन,
पेड़ बनेगा इक दिन,
छाया फल देगा इक दिन,
ऑक्सीजन देगा हर दिन
चलो एक शुरूआत करें,
एक अंकुरण हम करें।
आती नसल के लिए कुछ नहीं किया,
सदियों से कुदरत से बहुत लिया,
लिया, लिया, बस लिया ,
सोच! आज तक तूने क्या दिया?
सार्थक ये मानुष जीवन करें
एक अंकुरण हम करें।