इज़हार ए इश्क़ - प्रपोज डे
इज़हार ए इश्क़ - प्रपोज डे
अपनी पाक मुहब्बत का तुझसे इज़हार रोज होता
दिल के पास होते हुए भी तेरा इंतजार रोज होता।
एक लम्बी उम्र जी ली तेरी मुहब्बत की छांव तले
एक और लंबी उम्र जीने का इंतजार रोज होता।
तुझसे रोज रूठना वजह है बेइंतहा मुहब्बत की
और तुझसे फिर ना रूठने का इकरार रोज होता।
बहुत मरहम हैं तेरे पास मेरे जख्मों के लिए भी
इसलिए तेरी अदा से घायल बार बार रोज होता।
मुहब्बत महफूज को दुआ करता है 'सिंधवाल'
तेरे दर पर सजदा करने का ऐतबार रोज होता।