ईद मुबारक
ईद मुबारक
ईद मुबारक कह रहे, कोरोना के काल,
महामारी फैला रही,जन पर मक्कडज़ाल,
गले मिलना तो दूर है, दूर दूर करे बात,
ज्यादा गले मिले तो, आ सकती वो रात।
ईद मुबारक मत कहो, महामारी भगाओ,
हँसी खुशी हो चेहरे पर,खुशहाली लाओ,
हाथ धोकर पीछे पड़ा,पहले जान बचाओ,
ईद मुबारक फिर कहो,हँसों और हँसाओ।
एक साल बीत गया,भेंट चढ़ गये त्योहार,
हुक्का, पानी छूट गया, पर ना मानी है हार,
कमजोर पड़ रहा अब, महामारी का रूप,
अंधेरा जल्द मिट जाए, आएगी फिर धूप।
कैसी ईद मुबारक है, कैसा अजब संसार,
धीरे धीरे लुप्त हुआ, भाई-भाई का प्यार,
हँसना भी अब मुमकिन है,कैसा यह वक्त,
त्योहार मनाने पर भी,प्रशासन हुआ सख्त।
पहले जिंदा रहना है, फिर मनेगी वो ईद,
जल्द से महामारी भागेगी,ऐसी है उम्मीद,
हँसी खुशी से मिलकर गाएं, वक्त आएगा,
ऐसी मार मारेंगे, कोरोना की निकले लीद।
ईद मुबारक दे रहे,मुसलिम मिलके लोग,
सजे हुये फल, फूल हैं, लगा रहे है भोग,
हिंदु भी शामिल हो रहे, एकता का संचार,
हिंदु मुसलिम बढ़ रहा,आपस में ही प्यार।
ईद मुबारक दे रहे, संग में दे रहे पैगाम,
वैक्सीन दे रहे सबको, होगा भारत नाम,
जल्दी से सब ठीक हो,विनति प्रभु आज,
सब देशों का गुरु रहा, करता सुंदर काम।
मास्क लगाकर दे रहे, ईद मुबारक लोग,
दो गज दूरी नहीं रही , बढ़ जाएगा रोग,
घर से बार न निकल,मोबाइल पर संदेश,
छुपकर घर में कहना,ईद मुबारक है शेष।
लॉकडाउन का वक्त है, खुशियां मना घर,
बाहर जाने में लगता है,अति बड़ा ही डर,
दुआ मांगते मिलकर, नारी हो या हो नर,
विश्वास करो उस दाता पर, विपत्ति ले हर।
ईद मुबारक देकर,बस उनको कर लो याद,
चले गये जग छोड़कर,खुश रहे ये फरियाद,
जिंदा रहे अगर हम, मिलते रहेंगे हर बार,
ईद मुबारक को रहने दो, इस वर्ष तो उधार।
कितने आये पर्व चले गये, बिन मनाए आज,
ऐसा बुरा वक्त आया है, धरे रह गये है साज,
फिर से आएंगे बीते दिन, मानते हैं सारे लोग,
सोच विचार की बात पर, भारत को है नाज।।