हुस्न की आग में
हुस्न की आग में


हुस्न की आग में
कह दो की
अब तुम नहीं जलोगी,
मेरा दिल तोड़ के
जाती हो
तो जाओ,
पर एक वादा करो सनम
की फिर लौटकर
कभी ना आओगी
हुस्न की आग में
कह दो की
अब तुम नहीं जलोगी!
बेबसी में जलूँगा मैं
रात -दिन, कतरा-कतरा
तुम्हारे हुस्न की राख़
मुझे ऊर्जा देगी
जर्रा-जर्रा,
कैसे कह दूँ की
मेरा सफर
यही तक था,
मुझे पता था की तुम मुझ पे
यकीन ना करोगी,
हुस्न की आग में
कह दो की
अब तुम नहीं जलोगी!