हत्यारे
हत्यारे
हर इंसा है अपराधी
और हर इंसा हत्यारा है,
कत्ल करे है मानवता का
नफरत सबको प्यारा है।
गर्भ में पल रही बेटी मारे
जन्म भी न ले पाई जो,
जाति धर्म के नाम पे झगड़े
हो रहा कैसा यारा है।
कत्ल हो रहे रिश्ते नाते
कत्ल हो रही खुशियां हैं,
कत्ल हो रहे अरमानों की
किश्ती का न किनारा है।
कत्ल हो रहाा वीरों का
बलिदानों की गौरव गाथा
कत्ल हो गई मां की लोरी
शिवम जो बचपन प्यारा है।