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Raju Kumar Shah

Tragedy

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Raju Kumar Shah

Tragedy

हथेली पर रख दिया है

हथेली पर रख दिया है

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कह लो बुरा भला, खुन्नशें मिटा लो,

आंखें फेर लो, उपेक्षित कर मेरा मन दुखा लो¡!


चलो मेरे काम न आया मेरा दिल,

तुम्हीं खेलो इससे अपना दिल बहला लो!


वैसे भी अब कीमत क्या है इसकी,

जहां कीमती था वहां से

इसे निकालकर अलग रख दिया है,


हक तो अपना कब का खो चुका था ये,

अब तोड़ने के लिए इसे,

तेरी हथेली पर रख दिया है!


अब तोड़ने के लिए इसे,

तेरी हथेली पर रख दिया है!!!


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