कल से उसे दूँगी ज्यादा समय क्या हुआ जो मैं साठ की हूँ। कल से उसे दूँगी ज्यादा समय क्या हुआ जो मैं साठ की हूँ।
अब विदाई की आहट पर जाते हुए हमेशा मुस्कराती हूँ मैं। अब विदाई की आहट पर जाते हुए हमेशा मुस्कराती हूँ मैं।
कभी उपेक्षित लोगों की मदद करके तो देखिय, बजेगी दिल की वॉयलिन यक़ीनन आपके दिल में, कभी उनके चेहरे मे... कभी उपेक्षित लोगों की मदद करके तो देखिय, बजेगी दिल की वॉयलिन यक़ीनन आपके दिल में...
उपेक्षित अपनों के बीच उपेक्षित अपनों के बीच
फिंकवा दी गयी किसी और ठौर माँ और आँगन की मिट्टी। फिंकवा दी गयी किसी और ठौर माँ और आँगन की मिट्टी।
हक तो अपना कब का खो चुका था ये, अब तोड़ने के लिए इसे, तेरी हथेली पर रख दिया है! हक तो अपना कब का खो चुका था ये, अब तोड़ने के लिए इसे, तेरी हथेली पर रख दिय...