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Versha Gupta

Drama

4  

Versha Gupta

Drama

हरियाली

हरियाली

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हरियाली हरियाली कितनी हैं ये अच्छी

हमारे मन को लुभाती दिल को सूकून देती।


पर ये मानव और विज्ञान

करने चला इसका बहिष्कार।।


नये नये मकान बनते जाते

वन घटते बस घटते जाते।।


पुल और सड़कें बनती जाती

हरियाली घटती बस घटती जाती।


ये मत भूलो, ये हैं तो हम हैं

इनसे ही हमारा जीवन हैं।


ये खुद लेते कार्बन डाइ आक्इसाड,

जो हैं प्राण नाशनी

हमको देते ऑक्सीजन,

जो हैं जीवनदायनी।


इनसे मिलती हमको जड़ी-बूटी

जो बीमारियों को दूर भगाती।


ये हमको हरे भरे फल देते

जिनसे हम अपनी शुद्धा शांत करते।


माँ की तरह आँचल फैलाकर

छाया हम पर रखते बरकरार।


पापा की तरह स्थिर खड़े रहते

ये बाढ़ से हमें बचाते।


जैसे भाई बहन करते लड़ाई

ये करते प्रदूषण से लड़ाई।


चारो ओर खूशबू की बहार

जैसे बच्चो की किल्कार।


इनमें हैं हमारा पूरा परिवार।

ना करो इन पर अत्याचार।


इन्हें मत रौंदना

इन पर हैं पक्षियों का घरौंदा।


जियो और जीने दो

बस ये संदेश दो।।


हरियाली हरियाली कितनी हैं ये अच्छी

हमारे मन को लुभाती दिल को सूकून देती।



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