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Versha Gupta

Abstract

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Versha Gupta

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खेले रंग और गुलाल

खेले रंग और गुलाल

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खेले रंग और गुलाल

राधे संग बिहारी

मेरी राधा छुप-छुप जावे

कान्हा जब जब रंग लगावे


करे दोनों ब्रज में धमाल

खेले रंग और गुलाल

राधे संग बिहारी

ग्वाले और गोपी भी खेले

जैसे हो खुशियों के मेले


दोनों की जोड़ी लगती कमाल

खेले रंग और गुलाल

राधे संग बिहारी

श्याम जब जब मुरीली बजावे

तब तब राधे नाचे


दोनों मिलाये ताल से ताल

खेले रंग और गुलाल

राधे संग बिहारी

दोनों का प्रेम हैं अनूठा


सारा जग है झूठा

साथ में दोनों लगते बेमिशाल

खेले रंग और गुलाल

राधे संग बिहारी।


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