होठ तेरे मधुशाला...
होठ तेरे मधुशाला...
होठ तेरे मधुशाला है, बातें तेरी पैमाना है।
आंखों को देखें लगता है, सागर तो बेमाना है।
तेरी चाल है मोहक ऐसे, जैसे कोई मोरनी चलती है,
तेरी सुंदरता, यौवन का, न कोई एक मिसाला है।
जिस राह पे तेरा आना है, जिस राह पे तेरा जाना है।
पाबंद है, ज़िद्दी है नज़रें ये, दीदार तेरा ही पाना है।
जिसने भी देखा तुझको है, सोना, जगना सब भूल गया,
जो नज़र उठा कर देखें तू, तो न खैर ख़ुदा से पाना है।
तेरी ज़ुल्फ़ है ऐसे जैसे, सावन की घटा निराली है।
आंखों को तेरी झलक मिले, ठंडक चंदन सी न्यारी है।
हम ज़िंदा है इस दुनिया में, ये भी तो करम तुम्हारा है,
हम चातक है तुम स्वाती हो, दिल को बस प्यास तुम्हारी है।