हँसने से डर लगता है
हँसने से डर लगता है
आजकल हँसने से डर लगता है,
अपने हिस्से मे खुशियाँ कम टिकती हैं,
दिल खोलकर रोना ही बेहतर है,
अब मोहब्बत भरी ज़िन्दगी कब मिलती है।
हँसने से ज्यादा रोया है अक्सर,
हंसी तो महफूज ही नही रही,
एक वक्त मे बहुत हँसते थे बेवजह,
अब वजह भी मशरूफ न रही।
दहशत का मंज़र देखो मेरा,
ज़िन्दगी नासूर सी है भाई,
गैरों को हँसते देख ऐसा लगता है,
मावस मे चांद है आई।