Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Amit Kumar

Tragedy Fantasy

4.5  

Amit Kumar

Tragedy Fantasy

फूलों ने चाँद की गिरफ्तारी की है!

फूलों ने चाँद की गिरफ्तारी की है!

1 min
241


फूलों ने चाँद की गिरफ्तारी की है,

आज किसी ने मेहनत बहुत सारी की है,

शायद गुल-ऐ-नादाँ को ये मालूम नहीं,

उन्होंने कोशिश हैसियत से भारी की है।


शौक तो सूरज को पकड़ने का रखते हैं,

पर कभी परिंदे की तरह जी कर देखा है!

कहीं तबीयत न बिगाड़ दे ये नुमाइश,

क्या इन्होंने इसकी तैयारी की ही?


मैं कोई डरा या धमका नहीं रहा हूँ,

बस थोड़ा अलग लहज़े में बता रहा हूँ,

खास के लिए खास, तो आम बात है,

पर मुझ खास के लिए क्या खास की है?


दिल-ओ-जान देना, सब कुछ लुटा देना,

ये खेल तो बहुत पुराना है लोगों का,

पर मेरा मानना थोड़ा अलग है,

की तुमने खाक में मिलाने की तैयारी की है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy